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स्वास्थ्य सेवा, फार्मा चमके; इंफ्रा, ऑटो सेक्टर में उतार-चढ़ाव
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के लिए भारतीय कंपनियों के वित्तीय नतीजे एक स्पष्ट द्विभाजन (Bifurcation) को दर्शाते हैं। एक ओर, स्वास्थ्य सेवा (Healthcare) और विशिष्ट फार्मा (Specialty Pharma) क्षेत्रों ने ज़बरदस्त लाभ और मजबूत मार्जिन वृद्धि दर्ज की, वहीं दूसरी ओर, निर्माण (Infrastructure), धातु (Metals) और कुछ वित्तीय क्षेत्रों को मंदी की मांग, उच्च परिचालन लागत (Operating Costs) और असाधारण वस्तुओं (Exceptional Items) के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन नतीजों ने व्यापक आर्थिक परिदृश्य और विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ रहे दबावों को उजागर किया है।
कॉर्पोरेट आय की समीक्षा
किसी भी कंपनी की दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे वित्त वर्ष के मध्य प्रदर्शन को दर्शाते हैं। यह तिमाही आमतौर पर त्योहारी सीजन से पहले की तैयारी और मानसून के कारण धीमी गति से परिचालन के लिए जानी जाती है, लेकिन मौजूदा Q2 FY26 के नतीजों पर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) के सामान्यीकरण और घरेलू मुद्रास्फीति (Inflation) के दबाव का स्पष्ट प्रभाव दिखा। जिन कंपनियों ने अपने मार्जिन (Margin) को सफलतापूर्वक बनाए रखा, उन्होंने बाज़ार में आत्मविश्वास बढ़ाया।
स्वास्थ्य और फार्मा में ज़बरदस्त तेज़ी
दूसरी तिमाही के नतीजों में मैक्स हेल्थकेयर और नारायणा हृदयालय के साथ फार्मा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ग्लेनमार्क फार्मा ने शानदार प्रदर्शन किया।
मैक्स हेल्थकेयर ने राजस्व में 25.1% की वृद्धि के साथ ₹2,135 करोड़ दर्ज किया, जबकि शुद्ध लाभ (Net Profit) 74.3% बढ़कर ₹491 करोड़ हो गया। मार्जिन मामूली रूप से 26.4% से बढ़कर 26.9% हो गया। इसी तरह, नारायणा हृदयालय ने भी राजस्व में 20.3% की वृद्धि और शुद्ध लाभ में 30.1% की वृद्धि (₹258 करोड़) के साथ मजबूत परिचालन दक्षता प्रदर्शित की, जो उच्च रोगी अधिभोग (Occupancy) और बेहतर शुल्क वसूली को दर्शाता है।
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में, ग्लेनमार्क फार्मा का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा, जिसका शुद्ध लाभ 72.3% बढ़कर ₹610 करोड़ हो गया। कंपनी का राजस्व 76.1% की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ ₹6,047 करोड़ तक पहुँच गया। इस भारी वृद्धि का मुख्य कारण कंपनी की परिचालन ताकत के साथ-साथ ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज की सहायक इकाई की बिक्री से प्राप्त हुआ एक बड़ा असाधारण लाभ (Exceptional Gain) था।
पशु स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सीक्वेंट साइंटिफिक का शुद्ध लाभ ₹2.6 करोड़ से बढ़कर ₹14.7 करोड़ हो गया, जबकि EBITDA में 42.6% की वृद्धि देखी गई, जो स्वस्थ मांग और मार्जिन सुधार को दर्शाता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, धातु और बैंकिंग में दबाव
इसके विपरीत, इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) तथा धातु क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को गंभीर झटका लगा।
अशोका बिल्डकॉन के राजस्व में 25.6% की गिरावट आई (₹1,851 करोड़), जबकि शुद्ध लाभ 82.9% गिरकर केवल ₹78.1 करोड़ रह गया। यह गिरावट परियोजना निष्पादन में देरी, परिचालन में कमी और एक उच्च आधार प्रभाव को दर्शाती है। जय बालाजी के नतीजे और भी निराशाजनक रहे, जिसका शुद्ध लाभ 82.7% गिरकर ₹26.5 करोड़ हो गया, जबकि EBITDA 68.5% घट गया, जो धातु क्षेत्र में कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता और मांग की कमज़ोरी को दर्शाता है। स्वान कॉर्प ने तो ₹3.8 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जिसका EBITDA 95.8% तक गिर गया।
वित्तीय क्षेत्र में, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) सबसे अधिक प्रभावित हुआ। बैंक ने ₹51.4 करोड़ के लाभ के मुकाबले ₹348 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया। यह घाटा मुख्य रूप से प्रावधानों (Provisions) के दोगुने से अधिक होकर ₹462 करोड़ तक बढ़ने के कारण हुआ, जो बैंक की संपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality) के बिगड़ने का संकेत है। बैंक का सकल एनपीए (GNPA) 11.42% से बढ़कर 12.42% हो गया, जो छोटे वित्त बैंकों के सामने मौजूदा तनाव को दर्शाता है।
ऑटो और मीडिया की मिश्रित कहानी
ऑटो क्षेत्र में, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (कंसोलिडेटेड) के राजस्व में 13.5% की गिरावट आई और EBITDA ₹1,043 करोड़ के घाटे में चला गया। हालांकि, कंपनी ने ₹76,170 करोड़ का भारी शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसे असाधारण लाभ (₹2,608 करोड़) के कारण दर्ज किया गया। यह संख्या यूके स्थित सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) में साइबर घटना के कारण परिचालन पर पड़े गंभीर प्रभाव को छुपाती है, जिसके कारण JLR का राजस्व 24.3% गिर गया और EBITDA मार्जिन 1,370 बेसिस पॉइंट्स तक कम हो गया।
इसके बावजूद, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के एमडी और सीईओ शैलेश चंद्र ने घरेलू बाजार में कंपनी के प्रदर्शन पर सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “यात्री वाहन उद्योग की वृद्धि Q2 में सपाट रही, लेकिन टाटा मोटर्स पीवी ने 10% वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज करके बाज़ार से बेहतर प्रदर्शन किया। हम त्योहारी सीजन में मजबूत मांग और नए उत्पादों से मिलने वाली गति को लेकर आशावादी हैं।”
मीडिया क्षेत्र में, सन टीवी नेटवर्क ने राजस्व में 38.9% की वृद्धि और EBITDA में 45% की वृद्धि के साथ मजबूत परिचालन दक्षता दिखाई, जो विज्ञापन राजस्व में सुधार को दर्शाता है। हालांकि, इसका शुद्ध लाभ 13% गिरकर ₹354 करोड़ रहा।
निष्कर्ष और बाज़ार का दृष्टिकोण
Q2 FY26 के नतीजे स्पष्ट करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार असमान है। जहां खपत (Consumption) और स्वास्थ्य सेवा से प्रेरित क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पूंजी-गहन (Capital-Intensive) और वैश्विक कच्चे माल पर निर्भर क्षेत्रों को मार्जिन बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
प्रदीप गोयल, मुख्य निवेश रणनीतिकार, वेल्थ डायनेमिक्स, ने इन नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “Q2 के परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था में एक स्पष्ट विभाजन दर्शाते हैं। अस्पताल और विशिष्ट फार्मा जैसे क्षेत्रों को संरचनात्मक वृद्धि और महामारी के बाद सामान्यीकरण से लाभ हुआ, जबकि बुनियादी ढांचे और ऋण देने वाले क्षेत्रों को कच्चे माल की लागत, निष्पादन में देरी और संपत्ति की गुणवत्ता की चुनौतियों से महत्वपूर्ण दबाव का सामना करना पड़ा। निवेशकों को शीर्षक संख्या से परे देखना चाहिए, खासकर उन मामलों में जहां असाधारण लाभ अंतर्निहित परिचालन तनाव को छिपाते हैं।”
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे उत्कर्ष एसएफबी जैसे मामलों में प्रावधानों की वृद्धि और टाटा मोटर्स में असाधारण मदों के प्रभाव जैसे बारीक विवरणों का विश्लेषण करें, ताकि कंपनियों के वास्तविक परिचालन स्वास्थ्य का आकलन किया जा सके।
