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₹60 करोड़ धोखाधड़ी: अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से पूछताछ, विदेश यात्रा से कोर्ट का इनकार
बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से हाल ही में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक कथित ₹60 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। यह जांच मुख्य रूप से उनके पति, व्यवसायी राज कुंद्रा से जुड़े लेनदेन और कथित रूप से शेट्टी की फर्म से जुड़े खातों में धन के कथित हस्तांतरण के इर्द-गिर्द घूमती है।
अभिनेत्री के मुंबई स्थित आवास पर आयोजित यह गहन सत्र, सेलिब्रिटी दंपति के वित्तीय पहलुओं की EOW जांच में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। अधिकारियों ने वित्तीय विवरणों के सत्यापन पर ध्यान केंद्रित किया, खासकर कथित धोखाधड़ी की कुल राशि में से लगभग ₹15 करोड़ के हस्तांतरण पर, जो कथित तौर पर अभिनेत्री के स्वामित्व वाली एक कंपनी के खाते में किए गए थे। EOW अधिकारियों ने कथित तौर पर बैंक स्टेटमेंट की भी जांच की और अभिनेत्री से महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज जब्त किए, जिनकी वर्तमान में विस्तृत जांच की जा रही है।
₹60 करोड़ मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक दीपक कोठारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से उत्पन्न हुआ है। शिकायत के अनुसार, कोठारी ने 2015 और 2023 के बीच बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में व्यवसाय विस्तार के लिए ₹60.48 करोड़ का भारी निवेश किया था, यह कंपनी दंपति से जुड़ी थी। मुख्य आरोप यह है कि इन निवेशित निधियों का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, बल्कि इसके बजाय अभियुक्तों के व्यक्तिगत उपयोग के लिए मोड़ दिया गया।
प्रारंभिक जांच के बाद, EOW ने शेट्टी, कुंद्रा और एक अन्य आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिनमें धारा 403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग), धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), और धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) शामिल हैं। EOW की जांच में कथित तौर पर हस्तांतरित धनराशि में से लगभग ₹25 करोड़ का पता चला है, जिसमें विभिन्न अभिनेत्रियों और प्रोडक्शन हाउसों को किए गए लेनदेन शामिल हैं, जिनमें प्रमुख रूप से बिपाशा बसु, नेहा धूपिया, और बालाजी एंटरटेनमेंट का नाम आया है।
धन के स्रोत का पता लगाने पर EOW का निरंतर ध्यान कथित वित्तीय जाल की जटिलता को उजागर करता है। जांच एजेंसियों को आपराधिक इरादे को साबित करने के लिए जटिल कॉर्पोरेट लेनदेन का विश्लेषण करने का काम सौंपा गया है।
कानूनी झटका और विशेषज्ञ की राय
इसके साथ ही, दंपति को एक कानूनी झटका लगा जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में फुकेत, थाईलैंड में पारिवारिक छुट्टी के लिए विदेश यात्रा करने की उनकी याचिका खारिज कर दी। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने EOW द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए लुकआउट सर्कुलर (LOC) को निलंबित करने की मांग की थी।
उनके कानूनी दल ने अदालत में तर्क दिया कि दंपति ने लगातार जांचकर्ताओं के साथ सहयोग किया है और 2021 के मामले के बावजूद पिछली विदेशी यात्राओं से वापस लौटे हैं। हालांकि, हाई कोर्ट ने चल रही जांच की प्रकृति और गंभीरता का हवाला देते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
यह न्यायिक निर्णय दर्शाता है कि कानूनी प्रणाली वित्तीय अपराधों को कितनी गंभीरता से लेती है। कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और सफेदपोश अपराधों के विशेषज्ञ, वरिष्ठ कानूनी विश्लेषक श्री अभय शर्मा ने अदालत के फैसले के निहितार्थों को रेखांकित किया। “इस परिमाण की कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामलों में, अदालतें सतर्क दृष्टिकोण अपनाती हैं। यात्रा की अनुमति से इनकार करना, खासकर जब एक लुकआउट सर्कुलर सक्रिय हो, यह दर्शाता है कि जांच एजेंसी अभी भी अभियुक्तों को धन के प्रवाह का पता लगाने और प्रक्रियात्मक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण मानती है,” श्री शर्मा ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि EOW की प्राथमिकता अब बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोपों की पृष्ठभूमि में शेट्टी की कंपनी में हस्तांतरित धन की वैधता को सत्यापित करना है।
फिलहाल, अभिनेत्री ने नवीनतम पूछताछ या हाई कोर्ट के फैसले के संबंध में कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है। राज कुंद्रा सहित पांच लोगों के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं, और EOW अब जांच के अगले चरण में जाने से पहले वित्तीय साक्ष्य को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जब्त किए गए दस्तावेजों के EOW सत्यापन का परिणाम इस हाई-प्रोफाइल मामले में भविष्य की कार्रवाई निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगा।
